जब तक आप अपनी समस्याओं एंव कठिनाइयों की वजह दूसरों को मानते है,
तब तक आप अपनी समस्याओं एंव कठिनाइयों को मिटा नहीं सकते
कर्म का फल व्यक्ति को उसी तरह ढूंढ लेता है, जैसे कोई बछड़ा सैकड़ों गायों के बीच अपनी मां को ढूंढ लेता है।
मोहग्रस्त होकर अपने कर्तव्य पथ से हट जाना मूर्खता है, क्योंकि इससे ना तो तुम्हें स्वर्ग की प्राप्ति होगी और ना ही तुम्हारी कीर्ति बढ़ेगी ।
धर्म युद्ध में कोई भी व्यक्ति निष्पक्ष नहीं रह सकता है. धर्म युद्ध में जो व्यक्ति धर्म के साथ नहीं खड़ा है इसका मतलब है वह अधर्म का साथ दे रहा है, वह अधर्म के साथ खड़ा है ।
मुझे जानने का केवल एक हीं तरीका है, मेरी भक्ति, मुझे बुद्धि द्वारा कोई न जान सकता है, न समझ सकता है ।
चाणक्य निति – कुछ बातें के लिए स्त्री हो या पुरुष बेसरम होना अच्छा होता बरना होगा अपना ही नुकसान